tag:blogger.com,1999:blog-8820624478620371623.post3210106108706490361..comments2023-03-18T05:29:59.621-07:00Comments on आज का सच: हिन्दी पत्रकारिता दिवसhttp://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/http://www.blogger.com/profile/13946542623528118041noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8820624478620371623.post-46100352012978550022013-05-29T06:41:29.234-07:002013-05-29T06:41:29.234-07:00ये पत्रकारिता का तराजू दौर है, खबर को प्रकाशन के प...ये पत्रकारिता का तराजू दौर है, खबर को प्रकाशन के पहले तौला जाता है कि इससे कितना लाभ या हानि होगी फिर उसी लाभ की और पलड़ा झुक जाता है.सम्पादक वो जो लिखे न.. पर मालिक के इशारे पर काम करा सके.हिंदी पत्रकारिता की यही दशा बन गई है.अख़बार रंगीन हो गया है पर उसकी आत्मा मरती जा रही है.प्राण चड्ढाnoreply@blogger.com