हरविंदर सिंह कुकू
पंजाब में ज्यादातर ऐसे भी लोग है जिन के पास वोटर कार्ड है, आधार कार्ड है व राशन कार्ड भी बने हुए हैं, अगर नहीं कुछ बना तो उनकी जिंदगी व उनके घर, बिना घर के यह लोग किस प्रकार अपने बच्चों के साथ अपनी जिंदगी गुजारते है. यह देख कर आप का और हमारा दिल कांप उठता है, लेकिन भारत का खुशहाल राज्य कहे जाने वाले पंजाब में भी हमारी राजनितिक पार्टियों का दिल कितना कठोर है कि इन लोगों को सिर्फ वोट पाने के लिए ही इस तरह के पहचान पत्र प्रदान किए जाते हैं। हैरान कर देने वाली बात यह है कि चुनाव के बाद कोई नेता इन को पहचानता तक नहीं।
हम आपको दिखा रहे हैं, पंजाब का एक गाँव छाजली का सूरते हाल जहाँ दर्ज़नो परिवारों को सिर्फ वोट के खातिर ही बिना घर के यह पहचान पत्र दिए गए है, हमरे नेता गण को उनकी जिंदगी से कोई सरोकार नहीं के उन लोगों के भी अपने व अपने बच्चों के प्रति कुछ सपने हो सकते है, जिस को सोच कर वो पल पल मरते हैं.
पंजाब में अकाली-भाजपा और कांग्रेस की सरकारें बनती बिगड़ती रही, हर बार सांसद बदलते रहे लेकिन नहीं बदला तो इस लोगों का जीवन, जो आज भी पिछले लगभग 40 साल से पंजाब में इस दर्दभरी जिंदगी अपने बच्चों के साथ जी रहे हैं। आप इन लोगों के पॉलिथीन से बने घरों को तो आप देख रहे हैं कि किस कदर इन के बच्चे व महिलाएं बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर नज़र आ रही है. आप और हम को इस बात पर भी दुःख होता है कि इन परिवारों की महिलाएं वाश रूम के लिए कहां जाती होंगी.
यह लोग सिकलीगर परिवार व राजपूत परवार से संबंधत लोहे के औजार बनाने का काम करने के माहिर है। यह मेहनत कश लोग किसान के औजारों से लेकर घर की रसोई में प्रयोग हो रहे समान को बना कर ही यह लोग अपने परिवार का पेट पालते हैं।
छाजली गावं के सरदार जोगिन्दर सिंह से हमने बात की तो उन्होंने इन लोगों की दर्द भरी दास्ताँ सुनाई। उन्होंने कहा कि इन लोगों के प्रति दर्द तब और बढ़ जाता है, जब बरसात की रातों में यह लोग अपने बच्चों के साथ रातें गुजारते है जब आंसू और पानी में इन्हने कोई फर्क नज़र नहीं आता । जोगिन्दर सिंह ने बताया के इन लोगो ने सभी पार्टियों के नेताओं से गुहार लगा चुके हैं कि हमारे रहने का इंतजाम भी करवा दो ! लेकिन किसी ने अभी तक नहीं सुनी। उन्होंने इन लोगों के दर्द को समझते हुए कहा अगर देश व प्रदेश की सरकारें इस बारे में खुद कुछ नहीं करेंगी तो हमें ही कुछ करना होगा, जोगिन्दर सिंह ने जब इन लोगो की जिंदगी के बारे में पटियाला के समाज सेवी गुरु नानक मोदीखाना के सेवादार व अंतराष्ट्रीय भाऊ भाईचारा संगठन के प्रधान सरदार बलविंदर सिंह सैफ्दीपुर से बात की तो सरदार बलविंदर सिंह सैफ्दीपुर ने इनकी दुःख तकलीफों के बारे में जानकारी लेते हुए कहा के पिछले लगभग चालीस वर्षों से पंजाब के इस गाव में गरीबी से जूझ रहे लोगों के लिए गुरु की मैहर सदका अंतराष्ट्रीय भाऊ भाई चारा संगठन इनकी समस्यायों का हल करने के लिए पहल कदमी कर इस की समस्याओं का हल निकालेगा। उन्होंने इस बात पर दुःख जताया के राजनितिक पार्टियों ने सत्ता का सुख भोगने के लिए इन लोगो के वोटर कार्ड, आधार कार्ड व राशन कार्ड तो बना दिए लेकिन इनके जीवन व दु:खों के बारे में कभी नहीं सोचा, उन्होंने देश व विदेश में बैठी सिख संगतों को अपील की के हम सब को मिल कर पंजाब में इस कदर जिंदगी जी रहे लोगों के लिए हल निकालना चाहिए, जिस से हमारा पंजाब खुशहाल नज़र आए ।
ऐसे लोगों की बदहाली का जिम्मेदार कौन ?
आखिर हम कहना चाहेंगे कि ऐसे लोगों की बदहाली का जिम्मेदार कौन है ? हमारी राजनितिक पार्टिया वोट बैंक की राजनीती के तहत ऐसा घिनौना कार्य कब तक करती रहेंगी। जिस का खामियाजा इस प्रकार की जिंदगी जी रहे लोगों को कब तक भुगतना पड़ेग ? जिसका भला होना चाहिए था, उसका तो नहीं हुआ, जो पूंजीपति थे वो और पूंजीपति हो गए लेकिन गरीब बेचारा गरीब ही रह गया. हम सभ को मिल बैठ कर इस पर चिंतन करने की जरूरत है ।
हरविंदर सिंह कुकू
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