नई दिल्ली। नॉर्थ ईस्ट के लोगों पर कमेंट करने से पहले अब सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा न हो कि आपको जेल की हवा खानी पड़े क्योंकि अब नॉर्थईस्टर्न्स को 'चिंकी' कहने से 5 साल की जेल हो सकती है। आमतौर पर नॉर्थ ईस्ट इलाकों- असम, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम राज्यों के लोगों को उनके मंगोलियन फीचर्स के चलते चिंकी कहकर बुलाते हैं। लेकिन अब इसे नस्लीय टिप्पणी मानकर सजा दी जाएगी। चिंकी कहकर बुलाने से अगर व्यक्ति आपत्ति जताता है तो वह इसकी शिकायत कर सकता है। ऐसे में चिंकी कॉमेंट करने वाले व्यक्ति को पांच साल की सजा होगी। गृह मंत्रालय ने नॉर्थ ईस्ट के लोगों को रेशल डिसक्रिमिनेशन से बचाने के लिए सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित राज्यों को निर्देश दिया है कि वह उन लोगों को सजा दें, जो इन्हें चिंकी कहकर बुलाते हैं। ऐसे लोगों को प्रीवेंशन ऑफ ऐट्रोसिटीज़ ऐक्ट के तहत सजा देने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि इस कानून के तहत अनुसुचित जाति और अनुसुचित जनजाति के लोगों पर जातिगत टिप्पणी करने वालों के खिलाफ 5 साल की जेल का प्रावधान है। हालांकि साइबर वर्ल्ड में इस ऐक्ट को लेकर पहले ही चर्चा शुरू हो गई है। कुछ का कहना है कि यह कदम काफी पहले ही उठा लेना चाहिए था वहीं कुछ का कहना है कि एक कॉमेंट पर 5 साल की जेल 'कुछ ज्यादा' है। दिल्ली में रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के लोगों से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस कानून पर सहमति जताई और कहा कि उन्हें 'चिंकी' कहने वालों को जेल होनी चाहिए।
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