बिना कारों के एक दिन हमारा ध्यान शहरी स्वास्थ्य और पर्यावरण की ओर खींचता है। पेरिस में पिछले किसी रविवार के दिन शहर को कारों से निजात मिली। इसके लिए अधिकारियों ने सिटी सेंटर के लगभग 25 प्रतिशत भाग को वाहनों के लिए बंद कर दिया और उसके आसपास के क्षेत्र में भी वाहनों की गति सीमा को 20 किलोमीटर कर दिया। कारों के बिना यह दिन पेरिस में 30 नवंबर से शुरू होने वाले राष्ट्र संघ जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (क्ग्र्घ्21) की मेज़बानी की तैयारी के रूप में किया गया था। विदेश मंत्रालय और सम्मेलन के अध्यक्ष लॉरेंट फेबियस के अनुसार इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य यह है कि “वैश्विक स्तर पर सहमति बने कि हमारे ग्रह का पर्यावरण हम सब के लिए स्वस्थ बना रहे।” इस क्ग्र्घ्21 सम्मेलन का प्राथमिक फोकस तो वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है, मगर कार्बन उत्सर्जन को कम करने से जो अन्य स्वास्थ्य सम्बंधी लाभ तत्काल मिल सकते हैं उनकी तरफ ध्यान दिलाना भी इस सम्मेलन के उद्देश्यों में है। लैन्सेट आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार यदि बिजली और यातायात के क्षेत्र में कार्बन का उपयोग कम किया जाए तो हवा को साफ रखने में मदद मिलेगी जिससे सामुदायिक स्वास्थ बेहतर होगा। ऊर्जा उपयोग की कई तकनीकें, जैसे डीज़ल और पेट्रोल कारें, कोल पावर प्लांट और खाना पकाने में बायोमास (जैसे, लकड़ी और चारकोल) का उपयोग हवा में तरह-तरह के प्रदूषक पदार्थ छोड़ते हैं। इस तरह के प्रदूषण से हृदय, फेफड़ों और श्वसन से सम्बधित बीमारियां बढ़ जाती हैं। यदि हम साफ ऊर्जा तकनीकों की ओर बढ़ते हैं तो हम अपने आप स्वास्थ पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और अरबों डॉलर बचा सकते हैं। दूसरे शहरों की तरह ही पेरिस भी उच्च स्तर के वायु प्रदूषण का सामना कर रहा है। 2014 में स्थानीय प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक था जिसके चलते वहां की सरकार ने सार्वजनिक परिवहन की फीस को अस्थाई रूप से हटा दिया था और सड़कों पर कारों को आंशिक रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। इस कदम की वजह से वहां ट्रॉफिक 18 प्रतिशत कम हुआ और वायु प्रदूषण के स्तर में 6-30 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई। (स्रोत फीचर्स)
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