हर
रात के बाद सवेरा होता है तो लोग क्यों नहीं मानते कि ‘अंधेरे के बाद
उजाला भी होता है’। यानी कि एक बुरे दिन के बाद एक अच्छा समय भी आपके
इंतजार में बैठा ही होगा। परन्तु अक्सर लोग यह समझ नहीं पाते और हमेशा ही
उदासी के अंधकार में डूबे रहते हैं।
बुरा दिन किसी विशेष व्यक्ति को चुनकर उसके पास नहीं आता। यह किसी के साथ भी हो सकता है। मेरे या आपके साथ भी। बुरा दिन वह नहीं जो एक बड़े स्तर पर आपकी ज़िंदगी बदलकर रख दे, बल्कि बुरा दिन वह भी है जो आपको धीरे-धीरे उदास करता जाए।
लेकिन उससे बाहर कैसे निकलना है यह आपको जानना चाहिए। फर्ज कीजिए कि आज आप सुबह बिल्कुल समय पर उठ गए। पहला अलार्म बजते ही आपकी नींद खुल गई और आपने सोचा कि बस एक मिनट में उठ जाएंगे लेकिन फिर सो गए।
इसके बाद आपकी नींद तब खुली जब आपको ऑफिस जाने के लिए घर से निकल जाना चाहिए था। ढेर सारी मशक्कत करके किसी तरह से आप ऑफिस पहुंचे लेकिन देरी से आने पर बॉस की डांट का शिकार हो गए। यह थी दिन की दूसरी बुरी घटना।
अब गुस्से में बॉस ने इतना काम थमा दिया कि पूरा दिन तो क्या शाम तक भी काम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में मन में बार-बार आता है कि ‘आज का तो दिन ही बुरा था’।
इसी परेशान मन से आप घर जाते हैं और घर वालों से भी ढंग से बात नहीं करते। आपके चिड़चिड़े स्वभाव से घर वालों का भी मूड खराब होता है। लेकिन यह तो गलत है ना?
पर जिनका बुरा दिन गुजरता है वह तो किसी की सलाह सुनने को भी राज़ी नहीं होते। जो कोई भी उन्हें राय देने आगे बढ़ता है वह उसी पर ही अपने गुस्से का बाण छोड़ देते हैं। ऐसे में भले ही किसी की राय ना सुनें लेकिन आगे की स्लाइड्स में दिए गए कुछ टिप्स जरूर अपनाएं, यह वाकई आपको तरो-ताज़ा कर देंगे।
यदि किसी दिन आपको बार-बार लगे कि कुछ गलत हो रहा है। सब कुछ आपके विरुद्ध चल रहा है और साथ ही आपको अपनी बुरी किस्मत का आभास हो रहा है तो सबसे पहले तो ऐसा सोचना बंद कर दें। बुरा समय किसी का भी आ सकता है, इसमें कोई नई बात नहीं है।
यदि आप किसी दिन बुरी घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, तो संसार में ऐसे अनगिनत लोग हैं जिनके साथ ठीक वैसा ही हो रहा है जो आपके साथ हुआ। उनकी भी इच्छानुसार दिन की सभी घटनाएं क्रमानुसार नहीं हुईं। उन्हें भी किसी के बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ा होगा।
तो ऐसे में आप यह सोचकर संतुष्ट हो जाएं कि अकेले आप नहीं हैं जिसके साथ ऐसा हुआ। और अपने दिल को तसल्ली देते हुए आगे बढ़ जाएं और कहें ‘आज का दिन बुरा था तो क्या हुआ, कल फिर अच्छा होगा’।
लेकिन फिर भी कुछ लोग दिन बुरा गुजरने पर उसी के बारे में रात तक सोचते रहते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो बेहद हताश हो जाते हैं मानो इसके आगे जीवन खत्म ही हो गया है। लेकिन ऐसी भावना से दूर ही रहना चाहिए।
यदि दिन बुरा गुजरा है तो हो सकता है आपकी शाम अच्छी हो। और यदि किन्हीं कारणों से वक्त अच्छा नहीं चल रहा तो यह जरूर समझ लें कि वक्त रुकता नहीं है। अच्छा हो या बुरा, यह गुजर ही जाएगा। तो फिर बुरा दिन आपके पास हमेशा ही डेरा जमाए नहीं बैठा रहेगा।
लेकिन इतने से भी यदि आप संतुष्ट नहीं हो रहे तो बुरे समय में भी सकारात्मक सोच लाने की कोशिश करें। जानें कि यह बुरा समय आपके लिए क्या लाया है। जी नहीं, बुरा समय केवल बुरी बातें नहीं, बल्कि साथ ही एक संदेश भी लाता है।
एक ऐसा संदेश जो विभिन्न अनुभवों से पूरित है। यह एक जीवन संदेश है जो बताता है कि इस बुरे समय से आप क्या-क्या सीख सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप बॉस की डांट के बाद अधिक मात्रा में दिए गए काम का शिकार हो गए हैं तो हताश ना हों, बल्कि उस काम को इतना अच्छे से पूरा करें कि बॉस अपना सारा गुस्सा भूल जाएं।
इससे आपका दिन कुछ अच्छा हो सकता है साथ ही आपको बुरे समय में भी अच्छी परफार्मेंस देने की सीख मिलती है। केवल यही नहीं, हमारा बुरा समय हमें जीवन की एक और सीख देकर जाता है।
यह समय हमें बताता है कि हर किसी का जीवन परफेक्ट नहीं होता। उतार-चढ़ाव तो जीवन की किताब का एक ऐसा हिस्सा है जो उसके पन्नों के बढ़ते रहने की निशानी है। यदि सब कुछ अच्छा ही होगा तो फिर मनुष्य क्या सीखेगा? बुरा समय ही हमें कई सारे पाठ पढ़ाता है।
बुरे समय की एक खासियत यह भी है कि हम उसे नियंत्रित कर सकते हैं। जी हां, ठीक सुना आपने, हम चाहें तो अपने बुरे समय को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन कैसे, जानें:
क्योंकि किसी चीज़ में छिपी बुराई या अच्छाई हम अपने दिमाग के सहारे ही समझ पाते हैं, फिर अगर हम अपने दिमाग को यह समझा दें कि वक्त उतना भी बुरा नहीं कितना हम समझ रहे हैं तो आधी दिक्कत तो वहीं समाप्त हो जाती है।
जिस दिन आप यह समझ जाएंगे उस दिन आप चुटकियों में अपने बुरे समय को अलविदा कह सकते हैं। क्योंकि बुरे समय को धीरे-धीरे कम करते हुए आप समझ पाएंगे कि अच्छा समय भी आपका इंतजार कर रहा है। वह समय जो आपको जीने की कला सिखाता है, और वह समय जो काफी कम है और उसे जी भरकर जीना जरूरी है।
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बुरा दिन किसी विशेष व्यक्ति को चुनकर उसके पास नहीं आता। यह किसी के साथ भी हो सकता है। मेरे या आपके साथ भी। बुरा दिन वह नहीं जो एक बड़े स्तर पर आपकी ज़िंदगी बदलकर रख दे, बल्कि बुरा दिन वह भी है जो आपको धीरे-धीरे उदास करता जाए।
लेकिन उससे बाहर कैसे निकलना है यह आपको जानना चाहिए। फर्ज कीजिए कि आज आप सुबह बिल्कुल समय पर उठ गए। पहला अलार्म बजते ही आपकी नींद खुल गई और आपने सोचा कि बस एक मिनट में उठ जाएंगे लेकिन फिर सो गए।
इसके बाद आपकी नींद तब खुली जब आपको ऑफिस जाने के लिए घर से निकल जाना चाहिए था। ढेर सारी मशक्कत करके किसी तरह से आप ऑफिस पहुंचे लेकिन देरी से आने पर बॉस की डांट का शिकार हो गए। यह थी दिन की दूसरी बुरी घटना।
अब गुस्से में बॉस ने इतना काम थमा दिया कि पूरा दिन तो क्या शाम तक भी काम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में मन में बार-बार आता है कि ‘आज का तो दिन ही बुरा था’।
इसी परेशान मन से आप घर जाते हैं और घर वालों से भी ढंग से बात नहीं करते। आपके चिड़चिड़े स्वभाव से घर वालों का भी मूड खराब होता है। लेकिन यह तो गलत है ना?
पर जिनका बुरा दिन गुजरता है वह तो किसी की सलाह सुनने को भी राज़ी नहीं होते। जो कोई भी उन्हें राय देने आगे बढ़ता है वह उसी पर ही अपने गुस्से का बाण छोड़ देते हैं। ऐसे में भले ही किसी की राय ना सुनें लेकिन आगे की स्लाइड्स में दिए गए कुछ टिप्स जरूर अपनाएं, यह वाकई आपको तरो-ताज़ा कर देंगे।
यदि किसी दिन आपको बार-बार लगे कि कुछ गलत हो रहा है। सब कुछ आपके विरुद्ध चल रहा है और साथ ही आपको अपनी बुरी किस्मत का आभास हो रहा है तो सबसे पहले तो ऐसा सोचना बंद कर दें। बुरा समय किसी का भी आ सकता है, इसमें कोई नई बात नहीं है।
यदि आप किसी दिन बुरी घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, तो संसार में ऐसे अनगिनत लोग हैं जिनके साथ ठीक वैसा ही हो रहा है जो आपके साथ हुआ। उनकी भी इच्छानुसार दिन की सभी घटनाएं क्रमानुसार नहीं हुईं। उन्हें भी किसी के बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ा होगा।
तो ऐसे में आप यह सोचकर संतुष्ट हो जाएं कि अकेले आप नहीं हैं जिसके साथ ऐसा हुआ। और अपने दिल को तसल्ली देते हुए आगे बढ़ जाएं और कहें ‘आज का दिन बुरा था तो क्या हुआ, कल फिर अच्छा होगा’।
लेकिन फिर भी कुछ लोग दिन बुरा गुजरने पर उसी के बारे में रात तक सोचते रहते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो बेहद हताश हो जाते हैं मानो इसके आगे जीवन खत्म ही हो गया है। लेकिन ऐसी भावना से दूर ही रहना चाहिए।
यदि दिन बुरा गुजरा है तो हो सकता है आपकी शाम अच्छी हो। और यदि किन्हीं कारणों से वक्त अच्छा नहीं चल रहा तो यह जरूर समझ लें कि वक्त रुकता नहीं है। अच्छा हो या बुरा, यह गुजर ही जाएगा। तो फिर बुरा दिन आपके पास हमेशा ही डेरा जमाए नहीं बैठा रहेगा।
लेकिन इतने से भी यदि आप संतुष्ट नहीं हो रहे तो बुरे समय में भी सकारात्मक सोच लाने की कोशिश करें। जानें कि यह बुरा समय आपके लिए क्या लाया है। जी नहीं, बुरा समय केवल बुरी बातें नहीं, बल्कि साथ ही एक संदेश भी लाता है।
एक ऐसा संदेश जो विभिन्न अनुभवों से पूरित है। यह एक जीवन संदेश है जो बताता है कि इस बुरे समय से आप क्या-क्या सीख सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप बॉस की डांट के बाद अधिक मात्रा में दिए गए काम का शिकार हो गए हैं तो हताश ना हों, बल्कि उस काम को इतना अच्छे से पूरा करें कि बॉस अपना सारा गुस्सा भूल जाएं।
इससे आपका दिन कुछ अच्छा हो सकता है साथ ही आपको बुरे समय में भी अच्छी परफार्मेंस देने की सीख मिलती है। केवल यही नहीं, हमारा बुरा समय हमें जीवन की एक और सीख देकर जाता है।
यह समय हमें बताता है कि हर किसी का जीवन परफेक्ट नहीं होता। उतार-चढ़ाव तो जीवन की किताब का एक ऐसा हिस्सा है जो उसके पन्नों के बढ़ते रहने की निशानी है। यदि सब कुछ अच्छा ही होगा तो फिर मनुष्य क्या सीखेगा? बुरा समय ही हमें कई सारे पाठ पढ़ाता है।
बुरे समय की एक खासियत यह भी है कि हम उसे नियंत्रित कर सकते हैं। जी हां, ठीक सुना आपने, हम चाहें तो अपने बुरे समय को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन कैसे, जानें:
क्योंकि किसी चीज़ में छिपी बुराई या अच्छाई हम अपने दिमाग के सहारे ही समझ पाते हैं, फिर अगर हम अपने दिमाग को यह समझा दें कि वक्त उतना भी बुरा नहीं कितना हम समझ रहे हैं तो आधी दिक्कत तो वहीं समाप्त हो जाती है।
जिस दिन आप यह समझ जाएंगे उस दिन आप चुटकियों में अपने बुरे समय को अलविदा कह सकते हैं। क्योंकि बुरे समय को धीरे-धीरे कम करते हुए आप समझ पाएंगे कि अच्छा समय भी आपका इंतजार कर रहा है। वह समय जो आपको जीने की कला सिखाता है, और वह समय जो काफी कम है और उसे जी भरकर जीना जरूरी है।
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