गुरुवार, 27 जून 2013

पंकज सुबीर को यूके का अंतरराष्‍ट्रीय कथा सम्‍मान


पंकज सुबीर का व्‍यक्तित्‍व
पंकज सुबीर का नाम देश के युवा कथा‍कारों की सूची में शामिल है, अभी कुछ दिनों पहले ही भारतीय ज्ञानपीठ ने उनको उनके उपन्‍यास के लिये ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्‍कार देने की घोषणा की है । पंकज सुबीर इंटरनेट पर ग़जल़ गुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं, क्‍योंकि वे ग़ज़ल के व्‍याकरण पर अपना ब्‍लाग चलाते हैं । उपन्यास ये वो सहर तो नहीं को भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वर्ष 2010 का नवलेखन पुरस्कार । कहानी संग्रह ईस्ट इंडिया कम्पनी वर्ष 2009 में भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरुस्कार हेतु अनुशंसित । कथादेश अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में कहानी शायद जोशी को साँत्वना पुरस्कार । इंडिया टुडे ने मध्यप्रदेश के युवा साहित्यकारों पर केन्द्रित विशेष आलेख में प्रमुख स्थान दिया । वर्ष 2009 में कहानी महुआ घटवारिन विशेष रूप से चर्चा में आई तथा हंस, आधारशिला एवं नया ज्ञानोदय ने इस कहानी को लेकर आलेख तथा कहानी का प्रकाशन हुआ । वर्ष 2010 में नया ज्ञानोदय के युवा विशेषांक में प्रकाशित कहानी चौथमल मास्साब और पूस की रात को काफी सराहना मिली । कहानियाँ, व्यंग्य लेख एवं कविताएँ नया ज्ञानोदय, कादम्बिनी, हँस, परिकथा, सुंखनवर, सेतु, वागर्थ, कथाक्रम, कथादेश, समर लोक, संवेद वाराणसी, जज्बात, आधारशिला, समर शेष है, जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित। इसके अलावा समाचार पत्रों के सहित्यिक पृष्ठों पर भी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें दैनिक भास्कर, नव भारत, नई दुनिया आदि हिंदी के प्रमुख समाचार पत्र शामिल हैं । राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास दिल्ली द्वारा प्रकाशित शोध ग्रंथों 'समर शेष है 2007' तथा 'हुंकार हूं मैं 2008 ' में 'संस्कृति के चार अध्याय' पर शोध पत्र प्रकाशित । भारतीय भाषा परिषद ने लगातार दो वर्षों तक (2005 एवं 2006) युवा कथाकारों के विशेषांक में शामिल किया तथा देश के प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ ने वर्ष 2007 की युवा लेखकों के विशेषांक में स्थान दिया । हँस में प्रकाशित कहानी और कहानी मरती है ..... के लिये प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित । वर्ष 2003 में सुकवि पंडित जनार्दन शर्मा पुरुस्कार प्राप्त हुआ । जल रोको आयोजन के तहत पत्रिका संकल्प के संपादन पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विशेष पुरुस्कार दिया गया । कहानियों 'घेराव' तथा 'राम जाने' का तेलगू तथा ऑंसरिंग मशीन का पंजाबी में अनुवाद । कहानी संग्रह ईस्ट इंडिया कम्पनी पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शोध कार्य । इंटरनेट पर बंगाल के व्याकरण को लेकर विशेष कार्य अपने ब्लाग के माध्यम से । जहां पर बंगाल का व्याकरण (अरूब) सीखने वालों को उसकी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं । इंटरनेट पर हिंदी के प्रचार प्रसार को लेकर विशेष रूप से कार्यरत । सीहोर के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से विज्ञान में स्नातक उपाधि तथा रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा प्राप्त की । उसके पश्चात पत्रकारिता से लगाव होने के चलते दैनिक जागरण, सांध्य दैनिक प्रदेश टाइम्स, सहारा समय जैसे समाचार पत्रों तथा चैनलों के लिये पत्रकारिता की । उसी दौरान पत्रकारिता के कड़वे अनुभवों के कारण इंटरनेट पर आधारित अपनी स्वयं की समाचार सेवा सुबीर संवाद सेवा प्रारंभ की । इंटरनेट पर आधारित ये एजेंसीं आज कई सारे समाचार पत्रों तथा चैनलों को समाचार प्रदान करने का कार्य करती है । फ्रीलांस पत्रकारिता के दौरान आजतक, स्टार न्यूज तथा एनडीटीवी जैसे चैनलों के लिये कई समाचारों पर कार्य किया । 2000 में स्वयं के कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की । वर्तमान में फ्रीलांस पत्रकारिता के साथ साथ कम्प्यूटर हार्डवेयर, नेटवर्किंग तथा ग्राफिक्स प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं ।

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