गुरुवार, 8 मार्च 2018

श्रीदेवी की मौत से उपजे सवाल

श्रीदेवी की आकस्मिक मृत्यु  ने एक विचार को जन्म दिया की ईश्वर के दिये हुए इस शरीर को नकारो मत!अपने आप को स्वीकारो? 

श्रीदेवी अपने समय की टॉप हीरोइन रही हैं और वो भी बिना प्लास्टिक सर्जरी के।
 फिर 50 पार करके उन्हें अचानक 20 साल का दिखने की धुन सवार हो गई। उसके चलते उन्होंने ढेरों सर्जरी करवाई।  gym, योग, डाइटिंग कुछ भी नही छोड़ा।

ये सब उन्होंने स्वस्थ रहने के लिए नही बल्कि जवान दिखने के लिए किया। शरीर पर हर तरह के अत्याचार किये। तो एक दिन शरीर ने उन्हें धोखा दे दिया। हमारे समाज मे स्त्रियों को सुंदर व जवान दिखने पर बहुत जोर है। क्योकि साधारण दिखने पर शायद उन्हें वो स्थान नही मिल पाता।
सुंदरता बेचने के नाम पर गली गली में ब्यूटी पार्लर भरे हैं। आपके सारे शरीर को तरह तरह के केमिकल्स से लबरेज़ करके आपको सुंदर बनाने का आश्वासन दिया जाता है। 20 तरह के facial बताये जाते हैं। 25 तरह के spa।
बहुत ज्यादा तो मुझे भी नही पता क्योकि ब्यूटी पार्लर से मेरे नाता बहुत ही limited है। मुझे भगवान की बनाई अपनी सूरत जैसी भी है वो स्वीकार है।
गाहे बगाहे शौक पूरा करके समझ आया कि ये सब मार्केटिंग का ड्रामा है क्योंकि ज्यादातर ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिलाएं खुद  मोटी और भद्दी दिखती हैं तो वो मुझे क्या सुंदर बनायेंगी।
सुंदर दिखने का अधिकार हर स्त्री को है लेकिन बाहर की सुंदरता के साथ यदि अंदर की सुंदरता पर भी ध्यान दें तो आप और भी खूबसूरत हो सकते है।
सिर्फ पतला होना ही स्वास्थ्य की निशानी नही है क्योंकि बहुत से मोटे लोग उम्र पूरी करके जाते हैं और पतले लोग समय से पहले ।
अपने को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है। हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये।
बाल रंगने है तो रंगिये, वज़न कम रखना है तो रखिये, मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,बच्चों की तरह खिलखिलाइये, अच्छा सोचिये, अच्छा माहौल रखिये, शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये।
कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती, कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,कोई तेल बाल नही उगाता, कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता। चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि।सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।  ये सब कुदरती होता है। उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है। पुरानी मशीन को maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं उसे नई नही कर सकते।ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम। किसी क्रीम में केसर नही होती क्योंकी 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नही होती।
जो आपकी पॉकेट allow करती है वो प्रसाधन खरीदिये क्योंकी केमिकल्स सबमे हैं। lux की बनियान साधारण बनियान से इसलिये महंगी है क्योंकी उसमे विज्ञापन के लिए सनी देओल और अक्षय कुमार होते हैं। और वो लक्स नही calvin cline या पियरे कार्डिन पहनते हैं।
करीना कपूर कभी लक्स साबुन से नही नहाती और अमिताभ बच्चन लाल तेल नही लगाता।

कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,
 कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,
कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं
या आपके होंठों की shape perfect नही हैं....

फिर भी हम सुंदर हैं, अपनी सुंदरता को पहचानिए। दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है अपनी सुंदरता को महसूस करना।
हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं। और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं। हमारी महिलायें दिन रात पार्लर के चक्कर काटती रहती हैं सुंदर दिखने के प्रयास में... लेकिन क्या ये प्रेशर उनके पति,घरवालों या boyfriends की ओर से आता है?साधारण दिखने वाली लड़कियों की शादी नही होती, सांवली लड़कियों को उपेक्षा झेलनी पड़ती है,मोटी लड़कियों पर पतले होने का दबाव होता है।  इस प्रेशर के चलते उन्हें chemicals और दवाओं का सहारा लेना पड़ता हैं।
क्यों अभी भी हमारे समाज मे मन की खूबसूरती पर ध्यान नही जाता?
हमारे पुरुष वर्ग का ये कर्तव्य है कि अपने परिवार महिलाओ को ये प्रेशर देना छोड़ दें। अपनी पत्नी, बेटी, बहन को ये अहसास दिलायें की वो प्रकुर्तिक रूप से सुंदर हैं वरना वो केमिकल्स का सहारा लेकर अपना स्वास्थ्य खराब कर लेंगी।
थोड़ा बहुत चलता है लेकिन सुंदर दिखने की चाह में कुछ भी कर गुज़रना आपकी जान ले सकता है।
आजकल युवा लड़के बॉडी बनाने की धुन में पागल रहते हूं ये असर है उन फ़िल्म स्तरों और मॉडल्स का जिससे ये युवा सोचते हैं कि वो अपने चहेते हीरो जैसी बॉडी बना कर हीरो जैसे दिखेंगे।
आपको शायद पता नही की एक भी हीरो naturally बॉडी नही बनाता। इनके पीछे बहुत सी प्लास्टिक सर्जरी,  steroids implants, lyposuctions, body contouring  का हाथ होता है। आपरेशन से 6 pack बनवाते हैँ, चेहरे पर सर्जरी करवाते हैं, बाल उगवाते हैं, मांसपेशियों में सिलिकॉन भरवाते हैं और ये सब वो इसलिते करते हैं क्योंकि उन्हें इन सबका पैसा मिलता है। स्क्रीन पर सुंदर दिखना उनके धंधे की मजबूरी है उसके लिये वो शरीर से भी खेलते हैं वरना उन्हें कोई काम नही देगा।
लेकिन आम जीवन मे हमे बॉडी दिखाने के पैसे नही मिलते काम करने के पैसे मिलते हैं तो हम हीरो जैसे दिखने से अच्छा है अपने काम मे हुनर दिखायें ।हमारी तरक्की तो उसी से होगी।
ये फ़िल्म स्टारों और मॉडल जैसा दिखने की चाह में हमारा समाज एक प्रेशर में जी रहा है।
पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही । आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।
सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है
ये खाओ,वो मत खाओ
ठंडा खाओ गर्म पीओ
कपाल भाटी करो, पॉवर योगा करो
सवेरे नीम्बू पीओ ,रात को दूध पीओ
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो
दाहिने से सोइये बाहिने से उठिए
हरी सब्जी खाओ, सब्जियी में हारमोन है
दाल में प्रोटीन है,दाल से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जायेगा
अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को!!आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।
ये सारा ऑर्गेनिक ,एलोवेरा, करेला,मेथी ,पतंजलि में फंसकर दिम्मग का दही हो जाता है। स्वस्थ होना तो दूर स्ट्रेस हो जाता है। अरे! कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ।
हर चीज़ सही मात्रा में खाइये, हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है। भोजन का संबंध मन से होता है और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता।
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,टहलने जाइये, लाइट कसरत करिये  व्यस्त रहिये,  खुश रहिये ,शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये।
अगर पैसे से सुंदरता व जीवन खरीद लिया जाता तो कोई बड़ा आदमी इस दुनिया से ना जाता और हर अमीर आदमी सुंदर होता।
Live life Naturally!!  Your body is a gift of God, just love your body but dont be obsessed with it

लेखन अनजान

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