रविवार, 30 अगस्त 2020

छत्तीसगढ़ के खेल

 " किस्म-किस्म के खेल हमर छत्तीसगढ़ म "

" अपन माटी ले मया चाहे गांव हो या शहर म "
(1) फुगड़ी =
खेत म गुरतूर फर होथे गूरसूकडी
एक गोड म लाल भाजी एक गोड म माहूर
कतेक ल मानव कुरा ससूर = फूगड़ी फूफू
(2) नदी पहाड़ =
हिन्दी म सर्दी , छत्तीसगढ़ी म कथे जाड
उतारु ल नदी , ऊपर ल कथे पहाड़ = नदी पहाड़
(3) घाम छांव =
कुछ पाय खातिर खुद ल
मेहनत के संग लगाय ल लगथे दांव
खेल के नाम बताव = घाम छांव
(4) रेसटीप =
जीओ और जीने दो के जलाओ दीप
चुपचाप रहूं,बताहू झन खेलत हन = रेसटीप
(5) पिठ्ठ्ल =
मीठ बोल‌ईय्या के सुरतिया
नज़रें नजर म झूलथे झूल
खपर‌ईल पथरा के खेलन = पिठ्ठ्ल
(6) बांटी =
बबा संग नाती , दिया संग बाती
मयारू के गोड म चुकचुक ले दिखे साटी
कनेखि नेत के नेतेव = बाटी
(7) गोटा =
आयुर्वेदिक गुण अबड फायदा हे भाजी चरोटा
गरिगन्डा 20-20 आना के खेलबो = गोटा
(8) चुड़ी बिन‌ऊल =
बड़े जनिक मखना ल , हसिया म दूफाकी प‌ऊल
छूआना न‌ई चाहि __ लाल,हरियर = चुड़ी बिन‌ऊल
(9) चोर सिपाही =
जे ज‌ईसन काम करही व‌ईसन फल पाही
कोतवाल, पुलिस,पाछू पडेहे = चोर सिपाही
(10) भटक‌ऊला =
ज्ञान बढाय बर पूछन जन‌ऊला
6:6: घर के रहाय खेल = भटक‌ऊला
(11) अटकन मटकन =
सबों तिहार म देवी-देवता ल सुमरथन
दोनों हाथ ले खेलथन = अटकन-मटकन.....
(12) गोल-गोल रानी
डोकरी दाई हुकारु देवय बबा सुनावय कहानी
माडी भर-भर पानी = गोल-गोल रानी
(13) तिरी-पासा =
झन हो उदास मन में रख आशा
अमली के चिचोल हो,चाहे कौड़ी म
झिर्रा खेलबो खेल = तिरीपासा
(14) कुस्ती =
व्यायाम करेले भाग जही तोर सुस्ती
नाम-संजय निषाद गांव-मुस्की
चलना खेलबो खेल = कुस्ती
(15) गुल्ली-डंडा =
सबले ऊंचा रहे हमर देश के तिरंगा झंडा
कुर्रु के गुल्ली , सेन्हा के डण्डा = गुल्ली-डंडा
(16) ब‌ईला दौड
बड़ ममहाथे जब लगे आमा म मौर
कोन अगवाथे चलतो हो जाय = ब‌ईला दौड़
(17) डंडा पचरंगा =
जाति-धर्म के नाम में झन करव दंगा
मनखे-मनखे एक-हरन ,खेल अच्छा हे =डंडा पचरंगा
(18) पुतरी-पुतरा =
इंग्लिश म गर्ल -बाय
हिन्दी म लड़की-लड़का
अऊ छत्तीसगढ़ी म कथे टूरी-टूरा
सगा प‌ऊना संग खेलेन खेल = पुतरी-पुतरा
(19) केऊ मेऊ मेकरा के जाला
कतेक हाय हपट करबे , संग म लेग जबे काला
तोर कान ल मैं धरव , मोर कान ल तै धर
दूनो झन संघरा कबो = केऊ मेऊ मेकरा के जाला

पीयूष दत्ता की वॉल से

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